Details, Fiction and shiv chalisa in hindi
Details, Fiction and shiv chalisa in hindi
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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥ जय जय जय अनन्त अविनाशी ।
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
अर्थ: हे प्रभू आपके समान दानी और कोई नहीं है, सेवक आपकी सदा से प्रार्थना करते आए हैं। हे प्रभु आपका भेद सिर्फ आप ही जानते हैं, क्योंकि आप अनादि काल से विद्यमान हैं, आपके बारे में वर्णन नहीं किया जा सकता है, आप अकथ हैं। आपकी महिमा का गान करने में तो वेद भी समर्थ नहीं हैं।
O Lord! I beseech Your assistance and seek your divine blessing at this pretty instant. Help save and secure me. Demolish my enemies using your Trishul. Launch me with the torture of evil more info ideas.
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
श्रावण मास विशेष : शिव बिल्वाष्टकम् का पाठ,देगा मनचाहा लाभ
शनिदेव मैं सुमिरौं तोही। विद्या बुद्धि ज्ञान दो मोही॥ तुम्हरो नाम अनेक बखानौं। क्षुद्रबुद्धि मैं जो कुछ जानौं॥
क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥ शंकर shiv chalisa in hindi हो संकट के नाशन ।
येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥ लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।